सारिका: जो एक छोटे से गांव में रहती थी.
बचपन से ही उसके मां-बाप ने उसे सपना दिखाया कि तुम दूसरों से अलग हो, तुम शादी ब्याह करके किसी की पत्नी बनके घर में चूल्हा -चौका करने के लिए नहीं बनी हो, तुम्हें कुछ अलग बनना है. सारिका भी मन लगा कर पढ़ाई करती और अपना ध्यान हमेशा पढ़ाई पर ही केंद्रित करती कि मेरा मन ना भटक जाए इधर उधर ,क्योंकि मुझे कुछ बनना है. इंटर पास करने के बाद ,आगे की पढ़ाई के लिए सारिका अपने गांव से शहर जाने वाली बस से हमेशा आती जाती. उसी बस में आते जाते विराट नाम का एक लड़का: जो शहर के ही स्कूल में पढ़ता था लेकिन, वह दूसरे कॉलेज में पढ़ता था, सारिका के कॉलेज में नहीं. पहले तो वह बहुत ध्यान लगाकर सारिका को देखा करता था .सारिका को भी बहुत अजीब लगता था, लेकिन वह बिना कुछ बोले सर नीचे झुका अपनी पढ़ाई पर ही फोकस किया करती थी .फिर 1 दिन अचानक सारिका बस का ही वेट कर रही थी तभी विराट आया और उसे उसके बारे में जाने की कोशिश की.
विराट " क्या नाम है तुम्हारा ,तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हूं वैसे तो मुझे तुम्हारे बारे में सब पता है ,यही सब कुछ तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हूं. यह सब सुनकर सारिका 2 मिनट के लिए सिहर गई .अंदर तक कांप गई लेकिन फिर उसने हिम्मत करके कहा ना तो मैं आपको जानती हूं ना ही आपसे बात करना पसंद करती हूं इसलिए आज से, आप मुझसे बात नहीं करें तो अच्छा है .यही कहकर सारिका जाने को होती है .तभी विराट उसका हाथ पकड़ लेता है.
यह क्या बदतमीजी है, शर्म नहीं आती तुम्हें ,मुझे नहीं बात करना तुमसे, नहीं तुम्हारे किसी भी सवाल का जवाब देना है ,यह कहती हुई सारिका दौड़ती हुई वहां से बस में चढ़ गई .विराट भी पीछे पीछे बस में चढ़ा .विराट एक तक उसे घूरे जा रहा था पर सारिका अपने मुंह को होठ को अं दर खींचे हुए पूरी ताकत लगा के अपने आप को नार्मल करने की कोशिश करती रही .आये दिन सारिका इस बात से परेशान रहने लगी .अंदर ही अंदर वह घुटने लगी क्योंकि आते जाते विराट का घुरना उसे मेंटली डिस्टर्ब करने लगा. उसके मां-बाप ने भी कितनी बार पूछा लेकिन मां-बाप डर के मारे उसकी पढ़ाई ना छुड़ा दे इसी वजह से उसने कुछ नहीं बताया .
1 दिन सारिका
स्कूल ना जा पाई तो उसने अपने ही सहपाठी विशेष से अगले दिन के सारे सब्जेक्ट के बारे में पूछा . अगले दिन की पढ़ाई के बारे में सारिका उससे बात कर रही थी कि तभी विराट की नजर उससे पड़ गई सारिका को पता नहीं था कि विराट उसे देख रहा है अपनी सारे सब्जेक्ट को पूरा करने के बाद सारिका घर के लिए निकलने वाली बस की तरफ गयी , जहां पहले से विराट मौजूद था उसने सारिका को देखा और उसका हाथ पकड़ कर उसे एकांत जगह पर ले गया . पहले तो 2 3 थप्पड़ लगातार बिना कुछ पूछे उसने उसे मारा, सारिका जोर से चिल्लाई
;क्या बदतमीजी है मुझ पर हाथ क्यों उठा रहे हो ;विराट बोला। कमीनी मैं एक हट्टा कट्टा मर्द हूं मैं तुमसे प्यार करता हूं मैं नहीं देख सकता कि तू मेरी रहते किसी और से चक्कर चलाएं क्या कमी है मुझमें क्यों दूसरे मर्द को तलाश कर रही है जो है मुझे में ढूंढ ना .
विराट ने बहुत बुरी तरीके से उसके होठों को चूसना शुरू किया उसके दुपट्टे को उठाकर फेंक दिया और इसके वक्षस्थल जोर-जोर से मसलने लगा सारिका दर्द से बिलबिला उठी ,उसने पूरी ताकत लगा कर विराट को अपने से अलग किया और दौड़ती भागती पुलिस स्टेशन गई .वहां पर उसने सब कुछ इंस्पेक्टर को बताया सारिका की दिलेर पन की वजह से विराट पकड़ा गया और उसे सजा हो गई .सारिका की मम्मी पापा को बात पता चली तो फुट फुट के रोए, सारिका ने भी माफी मांगी मैंने इसी डर की वजह से आपको यह बातें नहीं बताई. हमारे समाज में एक लड़की घर से बाहर निकल कर कुछ करना चाहती है तो उसके रास्ते में हजारों अड़चन आते हैं. हम लाख बदलाव लाए अपने जीवन में. पर समाज आज भी गांव में पिछड़ा है .गांव में आज भी सब की मानसिकता ऐसे ही है जो कुछ भी सुधार है शहर में है. गांव की कंडीशन आज भी बहुत खराब है .हर लड़की सारिका नहीं होती ,आधी लड़कियां तो डर की वजह से घुटने टेक देती है और जुल्म सहती रहती है, आधी लड़कियां इसी को अपनी जिंदगी मान के जीने लगती है. पर सारिका जैसी लड़कियां बहुत कम होती है मैं तो कहूंगी हर लड़की को सारिका जैसे बनना चाहिए जुल्मी ना करना और ना सहना चाहिए.