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आनंद शब्द सागर

Anand Nautiyal

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खुद को ढूंढता हूं खुद में, दुनिया की चकाचौंध में, होशोहवाश से बेसुध मैं, आलीशान घर मे तन्हा मैं। मिला नही खुद से, जगा नही बेसुध मैं, खो सा गया हूँ, मैं रो रहा हूँ।  

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