करीब होकर आपके मैं अभी भी इंतज़ार में हूँ,
दरिया थम गया बहते बहते ,
इश्क़ की मज धार में हूँ...
बेशक मशहूर हूॅं मैं होकर आपकी रूह से रूबरू,
गुजरती शामों की याद-ऐ-बहार में हूॅं...
करूं इक़रार अपने जिक्र-ऐ-एहसास का
चाहतों के हसीन इजहार में हूॅं...
यकींनन धड़कनों का शोर भी है मुकम्मल
आपके मैं अभी भी प्यार में हूॅं,
हाॅं जनाब बस आपके मैं अभी भी प्यार में हूॅं....।