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मेरी माॅं ही मेरी रब है...💕

8 सितम्बर 2021

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मैं अंश हूँ उनकी ही
उनका ही  मुझमें सब है,
वो वजह है मेरे जीवन की
  मेरी माँ ही मेरी रब है..।
 
वो पावन वेद-ग्रंथो सी
वो महान.हृदय कहीं गहरी तम सी
मैं निरंतरता हूँ उनके उपकारों.की
उनका ही मुझमें सब है
वो वजह है मेरी सांसो की
  मेरी माँ ही मेरी रब है..।

वो सरल-सहज स्वभाव सी
वो चंचल पवित्र जल धार सी
मैं सौम्यता हूँ उनके व्यवहार की 
उनका ही मुझमें सब है
वो वजह है मेरी धड़कनो की
  मेरी माँ ही मेरी रब है..।

वो प्रेम पवित्र सुगम मूरत सी
वो निष्ठता मोहक सूरत सी
मैं काया हूँ उनके सौंदर्य की
उनका ही मुझमें सब है
वो वजह है मेरी आत्म की 
मेरी माँ ही मेरी रब है..।

वो श्रेष्ठ-गहन भावनाओं सी
वो सुंदर ममता पूर्ण आसमान सी
मैं मर्यादा हूँ उनकी चाहतो की
उनका ही मुझमें सब है
वो वजह है मेरे अस्तित्व की
मेरी माँ ही मेरी रब है..।

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Pratik Tiwari

Pratik Tiwari

बहुत खूब

9 सितम्बर 2021

Pawan

Pawan

Bahut sunder likha hai aapne 👍👍🙏

8 सितम्बर 2021

dheeraj kumar

dheeraj kumar

बहुत ही अच्छी लेख लिखा है अपने ...

8 सितम्बर 2021

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खामियां

6 सितम्बर 2021
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13
2

<div>कुछ खामियां भी कर देती है मशहूर </div><div>मियाॅं </div><div>खूबियों में इतना भी जोर

2

आपके मैं अभी भी प्यार में हूॅं..।

6 सितम्बर 2021
5
13
6

<div>करीब होकर आपके मैं अभी भी इंतज़ार में हूँ,</div><div>दरिया थम गया बहते बहते ,</div><div>इश्क़ की

3

खैरात के बदले दिल में रखा है..।

7 सितम्बर 2021
3
14
0

<p>यूँ बार बार खफा होकर दूर जाने को कहते है,</p> <p>लगता है जनाब ने खैरात के बदले दिल में रखा है..।<

4

बेहद प्यार

7 सितम्बर 2021
1
14
1

<div>अभी तो बस शुरूआत है इजहार की...</div><div>म़गर </div><div>जब आपको हमसे प्यार होगा,</div><d

5

हसरतें

7 सितम्बर 2021
3
14
1

<div>देखेंगी निगाहें,</div><div>मुहब्बत और भी बढ़ेंगी, </div><div> जाने ये हसरतें मिया

6

शिवाय

7 सितम्बर 2021
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6

<p>हे त्रिलोकी त्रिलोचनम, भुजंग कंठ शोभितम,</p> <p>आदि देव शिव तुम सार्थकम, आराध्य का शिव तुम स्रोतत

7

मेरी माॅं ही मेरी रब है...💕

8 सितम्बर 2021
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17
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<div><b>मैं अंश हूँ उनकी ही</b></div><div><b>उनका ही मुझमें सब है,</b></div><div><b>वो वजह है

8

ख्वाहिशें और ज़िम्मेदारियां

16 सितम्बर 2021
2
9
0

यूं सताओ ना मेरी ख्वाहिशें मेरे ही ख्वाबों में आकर,<div><br><div>यक़ीनन</div><div><br></div><div>अब

9

तुम मेरे हो

29 सितम्बर 2021
1
5
0

<div>तुम मेरे हो </div><div>कोई शक कोई गुंजाइश नहीं है..,</div><div><br></div><div>गुजर रही हूं

10

बेजान ख्वाहिशें

29 सितम्बर 2021
3
5
1

आसमां की बस्ती में क़ाबिल उड़ान <div>कहाॅं से लायें..,</div><div><br></div><div>बड़ी इ़ल्लत सी

11

इरादा

15 अक्टूबर 2021
0
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0

<div>जिस्म है जिंदा,</div><div>रूह में कहीं जान नही है,</div><div><br></div><div>यक़ीनन</div><div>मु

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