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अजब सा जादू है इसमेंहर मौको पर इसकी तलाश होती हैसुख में दुःख में धूप में छांव मेंशहरो में गलियों में गांव मेंना इसके बिना सुबह होती हैना शाम को अलविदा कहते हैंकोई कहता इसको महज म्यूजिकमगर
बड़े सियाने कहते हैं हमेशाकी दुःख के बाद सुखसुबह के बाद शाम होती हैसत्य कभी हारता नहींहो सकता है कि इस दौड़ती हुई जिंदगी मेंकभी सत्य के साथ जीने वाले को सामना करना पड़े परेशानी का तब संयम के
आया फाल्गुन का माहलाया होली जैसा अद्भूत उत्सवजिस दिन ना किसी से शिकवाना किसी से गिलाजो भी मिला एक दुसरे सेहाथों में रंग लिए प्यार से मिलादूर हुई नफरतेंऔर रंगों को आकार मिलाजो छोड़ गया था ब
सदैव जगत का उत्कर्ष चाहाअपना सर्वस्व न्यौछावर करप्रतिकूल पथ पर चलती रहीअपना कर्तव्य निभाकरमां बनकर के किया पालन पोषणसदैव इसी भाव में रहीअपने संतति के उन्नति के चाह में रहीबहन बन के लुटाया प्रेम अपारबे
पहले किया जाए जानने का प्रयासअगर कार्य ठीक से न भी होतो मत करो मन को उदासफिर नया विश्वास लिए आगे बढ़ा जाएनिरन्तर आगे जो अपने पथ बढ़ता रहता हैभले देर हो लेकिन इतिहास जरूर गढ़ता हैकिसी भी काम