आतंकवाद एक ऐसा तत्व है जो जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित कर रहा हैं। आधुनिक समय मे आतंकवाद एक राजनीतिक मुद्दे के साथ-साथ एक कानूनी व सैनिक मुद्दा भी बन गया है। यह देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा भी हैं, किन्तु यह है क्या? आतंकवाद को परिभाषित नहीं किया जा सकता और न ही सभी देश इस सम्बन्ध में एकमत है। यहाँ तक कि विश्व संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ भी आज तक आतंकवाद की सर्वानुमति वाली परिभाषा नहीं दे सकी। इसका कारण है कि जिन हिंसात्मक गतिविधियों को अमेरिका या पश्चिमी राष्ट्र आतंवाद कहते हैं उन्हें उनके समर्थक "जिहाद" "स्वतंत्रता की लड़ाई" "उत्पीड़न व शोषण" के विरुद्ध संघर्ष कहते हैं।
शाब्दिक दृष्टि से 'टैरर" शब्द लैटिन भाषा से आया है। इस शब्द से 'व्युत्पन्न' (आतंकवाद) और एक्ट ऑफ टैरिज्य (आतंकवादी कृत्य) अब बहुत प्रचलित हो गए हैं। प्रोफेसर शदुलेस्कू के अनुसार आतंकवाद मूलतः सम्पत्ति तथा जीवन को भारी नुकसान पहुंचाने मे बम तथा ऐसा ही अन्य समर्थ युक्तियों अर्थात् विस्फोट के रूप मे स्वयं को प्रकट करता हैं।