कभी खुला किसी के सामने,तो कभी बंद हो गयामेरा दिल एक अलमारी सा हो गयाहज़ारों तरह की किताबें छुपी हैं मेरे दिल मेकभी हंसी मज़ाक ,तो कभी तन्हाईकभी रहस्यमय परिस्थितियों मे कोई बात समझ ना आईकभी खुला किसी के सामने तो कभी बंद हो गयामेरा दिल एक
आतंकवाद एक ऐसा तत्व है जो जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित कर रहा हैं। आधुनिक समय मे आतंकवाद एक राजनीतिक मुद्दे के साथ-साथ एक कानूनी व सैनिक मुद्दा भी बन गया है। यह देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा भी हैं, किन्तु यह है क्या? आतंकवाद को परिभाषित नहीं किया जा स
लघुकथासाफ्ट कॉरनर " मैं जानती हूँ कि आपके दिल में मेरे लिये एक खास किस्म का साफ्ट कॉरनर है परन्तु मेरे लिये आप एक अच्छे और शायद सच्चे दोस्त हैं ,इसके अलावा कुछ नहीं । इसे ही मान लिजिये प्लीज क्योंकि उसी नाते मैं आपको ,अपनी कोई भी बात बड़ी बेबाकी से कह लेती हूँ । " शिखा ने अपनी चिर परिचित मासूमीयत
बचपन के दिन - कल याद आ गया मुझको भी अपना बचपनखुश हुई बहुत पर आँख तनिक सी भर आयी गांवों की पगडण्डी पर दिन भर दौड़ा करती कुछ बच्चों की दीदी थी। दादी की थी राजदुलारी रोज़ सुनती छत पर दादाजी से परियो की कहानी झलते रहते वो पंखा पर थक कर मैंसो जाती घर कच्चे थे चाची लीपा
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पेट की गैस की समस्या से छुटकारा पाने के उपायआजकल की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में काफी लोग पेट मे गैस की समस्या से परेशान है। जिन व्यक्तियों में बार- बार पेट खराब होने की शिकायत रहती है वे दुसरो के सामने शर्मिंदगी महसूस करते है और अपने आप को दूसरों से दूर रखने लगते है ताक
हास्य , जीवन की एक पूंजी......, कुदरत की सबसे बडी नेमत हैं हंसी... , ईश्वरीय प्रदत वरदान है हंसी ..., मानव मे समभाव रखती हैं हंसी..., जिन्दगी को पूरा स्वाद देती हैं हंसी......, बिना माल के मालामाल करने वाली पूूंजीहै हंसी...., मायूसी छायी जीवन मे जादू सा काम करती
बारिश का मौसम हल्की भीगी सी धरा , अनन्त नभ से बरसता अथाह नीर, उठती गिरती लहरें झील में, आनंद उठाते नैसर्गिक सौंदर्य का, सरसराती हवाओं के तेज झोके, सूखी नदी लवालव हो गई, सिन्चित हुए तरू, छा गई हरियाली, बातें करती तरंगिणी बहती जाती, प्यास बुझाती, जीवो को तृप्त करती, घनी हरियाली से झांकते, आच
आधुनिकता की दौड़ में डगमगाती.... संक्रमण के दौर से गुजरती... मंझधार में फंसी. ... निस्सार जीवन में जर्जर पीत पर्ण सा बिखरा उजडा मन एकाकी राही पथिक की धुंधले सपने जेहन में समाए आशा- निराशा के भंवर में मन में टीस दिल में आस कुछ कर गुजरने की चाह असमंजस मन के किसी कोने में बदलते परिवेश में क्या सही, क्