यूं तो वरदान की परिभाषा सबके लिए अलग-अलग है। जिसकी जैसी चाहत, उसको वैसी राहत। आज हम कुछ ऐसे वरदानों की बात करेंगे जो अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन अगर यदि वो उनको मिल जाये, तो उनके ल
लेखहमारे विचार #चुम्बन_एक_आत्मीय_स्पर्श बच्चे के जन्म लेते ही आत्मीयजन सबसे पहला चुम्बन उसे दे कर उसे अपने दिल के पास होंने का एहसास देते हैं ।यहाँ हमनें माँ इसलिये नहीं कहा कि बहुत से
कौन कह सकता था कि एक साधारण मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मी लड़की एक दिन इतनी प्रसिद्धि प्राप्त करेगी कि देश का गौरव बन जाएगी ? 28 सितंबर 1929 को इंदौर में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के घर जन्मीं हेमा
🙇🙇आदाब व सुप्रभात !
मुस्कुराऊं भी अगर तो भीग जाती है नज़र..........!
बहुत दिल दुखता है
देखो इन जगमग से जलते दिए
और जगमग सितारों को
जब कभी हम बीच में रह कर निकल जाने की कोशिश में रहते हैं तो अक्सर भूल जाते हैं कि युधि
ॐपूर्णमदः पूर्णमिदंहम सब प्रायः अपनी तुलना किसी अन्य सेकरने लगते हैं | किन्तु कोई भी दो व्यक्ति एकजैसे नहीं हो सकते | कोई भी दो वस्तुएँ एक जैसी नहीं होसकतीं | किन्हीं भी दो व्यक्तियों के गुण एक जैसे नहीं होसकते | कोई व्यक्ति किसी एक कार्य में कुशल हो सकता है तोदूसरा किसी अन्य कार्य में कुशल हो सकता
परबतियाअपनीसासकेसाथबिहारसेकुछसालपहलेपलायनकरदेहरादूनआयीऔरअपनीसासकीतरहहीघरोंमेंबर्तन-चौकाकरतीहै।परबतियाकेकुनबेमें,जिसेविकासकेमानकोंकेहिसाबसे‘हाउसहोल्ड’ कहाजाताहै,उसकेसास-ससुरकेअलावाउसकापतिऔरउसकेअपनेएवंसासकेबच्चेहैं।इस‘हाउसहोल्ड’ कीमासिकआयहैतीसहजाररुपये।जीहां,आपनेसहीपढ़ा,तीसहजाररुपये!आप कहेंगे,लेखक-पत्र
मुंशी प्रेमचंद जी की १४१वीं जयन्ति💐💐💐💐🎂💐💐💐💐मुंशी जी मेरे पिता जी के अग्रज शीर्स्थ आधुनिक हिंदी साहित्य के नाभि स्तंभ थे। अपने पिता जी से सुनी और जानी कुछ यादों को मैं सुधिजनों को समर्पित कर रहा हूँ। मेरे परम अराध्य पिताश्री कीर्तशेष विमल राजस्थानी जी गीतकार कवि गोपाल सिंह नेपाली जी के कविसख
एक व्यक्ति की मृत्यू हो गई, इसका मतलब ये नहीं की वह चला गया. A person is dead, it does not mean he or she has gone.https://www.sahityasangeet.com/Naanee/
श्रावणमाह – 25 जुलाई से 22 अगस्त 2021 तक आने वाले व्रत और पर्वजैसा कि सभी जानते हैं, श्रावण माह – जो समर्पित है भगवान शिव की पूजाआराधना के लिए - आरम्भ हो चुका है | श्रावण शुक्ल प्रतिपदा यों तो शनिवार 24 जुलाई कोप्रातः आठ बजकर छह मिनट के लगभग आरम्भ हुई थी, किन्तु सूर्योदयकाल में 25 जुलाई को होने के क
शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम्आजश्रावण माह का प्रथम सोमवार है | श्रावण माह समर्पित होता है भगवान शिव की आराधना केलिए | ऐसी कथा है कि सतीने जब अपने पिता महाराज दक्ष के द्वारा अपने पति शिव का अपमान देखकर दक्ष के यज्ञका विध्वंस करने के लिए उस यज्ञाग्नि में आत्मदाह कर लिया तब क्रुद्ध शिव ने दक्षके यज्ञ का पूर्
गुरु पूर्णिमाव्यासाय विष्णुरूपाय व्यासरूपाय विष्णवे। नमो वै ब्रह्मनिधये वासिष्ठायनमो नम:॥ब्रह्मज्ञान के भण्डार, महर्षि वशिष्ठ के वंशज साक्षात भगवान विष्णु के स्वरूपमहर्षि व्यास को हम नमन करते हैं और उन्हीं के साथ भगवान विष्णु को भी नमन करतेहैं जो महर्षि व्यास का ही रूप हैं | शनिवार 24 जुलाई को
'लास वेगस' दिन रात मौसमों और महीनों से परे का एकशहर !... डॉ दिनेश शर्मा...अगर एक शब्द में लास वेगस को समेटना ही पड़े तो कहूंगा'चकाचौंध' । कुछके लिए यह टूटे हुए सपनों का शहर है तो कुछ के लिए उम्मीद भरी जुनूनीयत का। कुछयहां की रात को बहिश्त की तरह देखते हैं तो कुछ के लिए वेगस पैसे के दम पर सब कुछभोगने