रोज की जिंदगी में हम लोग कई बार ऐसी परिस्थितियों से गुजरते हैं जब हमें समझौते करने पड़ते हैं , कभी रिश्तों में तो कभी अपने सपनों से । रोज ना जाने हम ना चाहते हुए भी जाने कितने समझौते कर लेते हैं सिर्फ यही सोच कर कि ठीक तो है ना । अगर मेरे ये करने से कोई रिश्ता बचता है तो ठीक तो है ना । अगर मेरे ये करने से किसी की ज़िन्दगी बेहतर हो जाती है तो ठीक तो है ना ।
लेकिन इस ठीक तो है में हम कुछ चीजों को नजरंदाज कर देते हैं , वो है हमारा आत्मसम्मान । ये कहना गलत होगा कि हम कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए , लेकिन हमें कभी भी अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए। स्त्री हो या पुरुष , बच्चे हो या बूढ़े , कोई भी हो selfrespect एक ऐसी चीज़ है जिसका हर किसी को अधिकार है। कभी कभी हालातों के चलते या अपने रिश्तों को बचाने के लिए समझौता करना भी पड़े तो कीजिए , एक बार के लिए अपने अधिकार छोड़ने पड़े तो छोड़ दीजिए लेकिन अपना सम्मान आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है , किसी भी दूसरी ज़िम्मेदारी से ऊपर । इसलिए उससे कभी समझौता मत कीजिए ।