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आव कहैं सो औलिया,
बैठ कहें सो पीर,।
जा घर आव ना बैठु है,
सो काफिर बेपीर ,।।
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अर्थात ,*" जो आदर से आने के लिए कहता है ,वह औलिया है, और जो सम्मानपूर्वक बैठता है वह शीलवान है,! जिसके घर ये दोनो नही है ,वह शीलहीन दुष्ट है,,!!
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