था खूबसूरत सा वो सफ़र
थीं खूबसूरत सी उसकी यादें
करते हैं याद तन्हाइयों में
वो हसीन तेरी मेरी मुलाकातें।।
आएंगे लौटकर वो दिन भी
है इतना तो विश्वास हमें
भूले नहीं हो तुम भी कुछ
होता है कुछ कुछ एहसास हमें।।
थे चाहत तुम मेरी
शायद तुमको मालूम न था
थी फिदा गजलों पर तेरी
बन गए थे तुम मेरे खुदा।।