आजकल पुताई कराते हुए सोच रही हूँ कि बहुत महल बनाये राजाओं ने ताजमहल और लाल किला बनाये पर अंततः एक दिन सभी को छोड़कर जाना पड़ा. जाना पड़ता है कितना भी वैभव और ईश्वर्य हो. फिर भी हम प्रतिदिन एक नई जिंदगी जीते है क्योंकि हमें जीवन मिला है तो इसे उत्साह के साथ जीना है भले ही एक दिन जाना होगा सब कुछ यंही छोड़कर फिर भी अपने बच्चों और नई पीढ़ी के लिए हमें फर्ज निभाना होगा.