आज मुझे दोस्तो की जरूरत पैड गई सब को फोन किये मगर
नतीज़ा 0 जीरो निकला ना दोस्त काम आए ना रिस्तेदार मुझे
नाही मुझे पैसो की जरूरत थी फिर भी कोई काम नहीं आया
दो मजदूरों की जरूरत थी मजूरी करने के लिये में मजदूरों
10 दिसम्बर 2022
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में संजय जोशी हूँ और मुझे हिन्दी में लिखना बहोत पसंद हैं और मुझे एक कहानी लिख नि हैंD