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अर्जित मिश्रा के बारे में

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अर्जित मिश्रा की पुस्तकें

अर्जित मिश्रा के लेख

वोट से नेता नहीं देश बनता है (नुक्कड़-नाटक)

4 अप्रैल 2024
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 भारत का एक सुदूर गाँव| खेत के किनारे चार ग्रामीण भरी दुपहरी में एक विशाल नीम के वृक्ष की छाया में बैठे आपस में बात कर रहे| तभी गाँव के विद्यालय के मास्टर अपनी साइकिल से वहां पहुँचते हैं और साइकिल किन

खेल से समझौता न करें

11 मार्च 2024
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 ख्यातिप्राप्त पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया का पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई न कर पाना दुखद है| किन्तु जिस प्रकार वो अपने प्रतिद्वंदी से पराजित हुए वो शर्मनाक है| खेल में हार-जीत लगी रहत

ऋतु-चक्र पर शोध की आवश्यकता

6 मार्च 2024
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अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश समेत भारत के कई क्षेत्रों में हुई बेमौसम बरसात, आंधी-तूफ़ान और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलें चौपट कर दीं| कई क्षेत्रों से ऐसी तस्वीरें आयीं जहाँ गेहूं की खड़ी फसल इस मौसमी

विवादित धर्मस्थल पर ख़ुदा की इबादत भी करें और ईश्वर की प्रार्थना भी

28 फरवरी 2024
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  अभी हाल में ही ज्ञानवापी मामले में न्यायालय ने व्यास तहखाने में पूजा करने की अनुमति दे दी| जिसके बाद से तहखाने में पूजा अनवरत् की जा रही है|हिन्दू पक्ष इसे अपनी जीत और मुस्लिम पक्ष इसे अपनी हार समझ

संवेदना

21 फरवरी 2024
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 ‘बंगाल’ नाम सुनकर ही सबसे पहले ज़ेहन में आता है माँ काली का विराट रूप और ज़ायकेदार व्यंजन, सिन्दूर-खेला में एक दूसरे को सिन्दूर लगाती महिलायें और बुद्धिजीवियों की एक महान परंपरा|  ‘बंगाल’ जो मध्य काल

वैलेंटाइन्स डे

11 फरवरी 2024
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 आज कल दुनिया भर में वैलेंटाइन्स वीक मनाया जा रहा है| आज की पीढ़ी को शायद न पता हो कि हिंदुस्तान में  वैलेंटाइन्स डे मनाने की शुरुआत नब्बे के दशक में हुई| जब फिल्मों के माध्यम से इसके बारे में लोगों को

सरकारी नौकरी

1 फरवरी 2024
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 आज की पीढ़ी के बच्चों के पास करियर के अनेक आयाम भी हैं और उनमें करियर के प्रति स्पष्टता भी है| किन्तु हमारे ज़मानेमें तो अधिकाँश बच्चे सिर्फ इसलिए पढ़ते थे, क्यूंकि पढ़ना है| बारहवीं तक तो सोंचते भी नहीं

नव वर्ष

1 जनवरी 2024
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 साथियों, आज के दिन समस्त विश्व में नव वर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता रहा है| फिर भी हमारे देश में कुछ विशेष विचारधारा के लोग इसे पाश्चात्य नव वर्ष की संज्ञा देकर इसका विरोध करते रहे हैं| सोशल साइट

बर्बरता का

10 अक्टूबर 2023
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 इसमें रंच मात्र भी आश्चर्य नहीं कि भारत में कुछ संगठन राजनीतिक लाभ के लिए और कुछ भ्रमित लोग धर्म के नाम पर फिलीस्तीन की आजादी के नाम पर हमास द्वारा की जा रही बर्बरता का समर्थन कर रहे हैं| क्यूंकि इसक

हमास

9 अक्टूबर 2023
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 विश्व अभी रूस यूक्रेन युद्ध की विभीषिका झेल ही रहा था, भारत सहित संयुक्तराष्ट्र के युद्धविराम के लिए किये गए प्रयास अपर्याप्त ही प्रतीत हो रहे थे, कि अचानक  इजराइल और हमास में युद्ध छिड़ गया|   कहने

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