क्षणिक आनंद
किसी भी इमारत का-चाहे वह महल हो या मकान या झौंपड़ी-फर्श हो वह सीमेंट, मुजाइक,, संगममरमर, टाइल्स, पत्थर या मार्बल का हो सकता है जिसे देखने का शहरी आदमी आदी हो गया है और जिसकी वजह से लोग प्राकृतिक घास पर चलना ही भूल गये हैं। अगर कोई आदमी प्रकृति से दूर है तो वह इमारतों की चमक से अचंभित हो सकता है, खुश