Asha Jha
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रूप सलोना
सलोने रूप ने चैन है छीना मुश्किल कर दिया मेरा जीना रूप माधुरी बरस रही है बूंद-बूंद कर मधुरस पीना बाण चला नैनों से अपने हृदय का सारा सुख-चैन छीना रक्ताम्बर सा रूप है उजला वसन है मलमल सा झीना बह रही मंद- मंद पवन ने शीतल कर दिया मेरा सीना चाँद की उतरती
रूप सलोना
सलोने रूप ने चैन है छीना मुश्किल कर दिया मेरा जीना रूप माधुरी बरस रही है बूंद-बूंद कर मधुरस पीना बाण चला नैनों से अपने हृदय का सारा सुख-चैन छीना रक्ताम्बर सा रूप है उजला वसन है मलमल सा झीना बह रही मंद- मंद पवन ने शीतल कर दिया मेरा सीना चाँद की उतरती
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