shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

रूप सलोना

Asha Jha

0 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

सलोने रूप ने चैन है छीना मुश्किल कर दिया मेरा जीना रूप माधुरी बरस रही है बूंद-बूंद कर मधुरस पीना बाण चला नैनों से अपने हृदय का सारा सुख-चैन छीना रक्ताम्बर सा रूप है उजला वसन है मलमल सा झीना बह रही मंद- मंद पवन ने शीतल कर दिया मेरा सीना चाँद की उतरती धवल चाँदनी में लगती रूप की रानी ज्यों मीना चंद्रकला सी पल-पल रूप बदलती जैसे सवर्ण सी मुद्रिका में नगीना।। आशा झा सखी जबलपुर मध्यप्रदेश 

roop salona

0.0(0)

पुस्तक के भाग

no articles);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---

किताब पढ़िए