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ashok की डायरी

ashok

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ashok ki diary

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पुस्तक के भाग

1

सायरी

13 मार्च 2019
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बीते पल अगरबत्ती के धुएँ की तरहतस्वीर की तरह फ़िज़ा में मँडराते है और धुआँ बिखर जाने के बाद भीख़ुशबू सी महक फिजाओं में घुल जातीं हैं

2

सायरी

13 मार्च 2019
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उस ने खिड़की से चाँद देखा था हम ने खिड़की में चाँद देखा है

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सायरी

31 अक्टूबर 2019
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मन अक्सर कहता हैईश्वर से कुछ मांग लेआत्मा रोक देती है यह कहकर किप्रभु ने जितना दिया हैक्या मै उसके काबिल भी था

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लोग बुरे नहीं होते

31 अक्टूबर 2019
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लोग बुरे नहीं होतेबस जब आपके मतलब के नहीं होतेतो बुरे लगने लगते हैसमझनी है जिंदगी तो पीछे देखोजीनी है जिंदगी तो आगे देखोहम भी वहीं होते हैं,रिश्ते भी वहीं होते हैंऔर रास्ते भी वहीं होते हैंबदलता है तो बस*समय, एहसास, और नज़रियाा🙏🙏 Good day 🙏🙏

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