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आवाज

26 नवम्बर 2022

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लुटती इज्जत आज आम है
घर या बाहर हर जगह हैवान है
नारी आज भी परेशान है
आजादी को इतना वक्त हो गया
फिर भी नारी असुरक्षित
हिंसा पति की सहती,
तानाशाही पिता की जारी है..


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