एक दिन जंगल में एक शेर शिकार की तलाश में इधर उधर घूम रहा था पर उसे कोई भी शिकार नहीं मिला क्योंकि वो चल चल कर थक गया था तो वह वही कही झाड़ियो के आगे छाव में बैठ कर आराम करने लगा कुछ देर बाद उससे दूर से कोई आता दिखा वो कोई और नहीं बल्कि हमारे चंडूल जी थे जो बेफिक्र कान में लीड लगाये सांग सुनते चले आ रहे थे |
फिर.....
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फिर क्या था
शेर ने जैसे ही गर्दन उठाई
उसे चंडूल की कृति नज़र आयी
शेर अचानक उठा
चंडूल अचानक रुका
शेर ने चंडूल को देखा
चंडूल ने शेर को देखा
शेर धीरे धीरे आगे बढ़ा
चंडूल धीरे धीरे पीछे हटा
शेर ने जब रफ्तार बढ़ायी
चंडूल को घर की याद आयी
शेर आगे बढ़ने लगा
चंडूल अब डरने लगा
जैसे ही शेर ने चंडूल पर छलांग लगाई
चंडूल ने रिमोट की लाल बटन दबाई
किसी से लाइट बंद करायी
और फिर ओढ़ ली रजाई
रचनाकार :- संजय सिंघानिया