एक किताब इस पर भी "मेरी सोलहवीं कविता संग्रह की किताब है जो आनलाइन प्रकाशित हो रही है।इनमें से तेरह कविता संग्रह तथा दो कहानी संग्रह हैं।इस संग्रह में भी मैंने शब्दों के संवेदनशीलता को उजागर करने की कोशिश की है।इनमें संग्रहित रचनाएं मानवता के उन पहलुओं को उजागर करने का प्रयास कर रही हैं जो कि कहीं दबी,हुई हैं।शब्दों को मानवीय मूल्यों से सजाने का प्रयास है यह नई कविता संग्रह। आशा है कि यह आप सभी को यह संग्रह फंतासी का अनुभव कराने में सक्षम होगी। इस संग्रह में किसी से किसी रचना का तारतम्य बनना या मिलना महज एक संयोग है। © ओंकार नाथ त्रिपाठी अशोक नगर बशारतपुर गोरखपुर।