13 अगस्त 2020
ए बारिश की बूंदे जब भी पड़ती है
मुझे मेरा यौवन याद आता है
कभी श्रृंगार की हुईं नव वधू की तरह दिखती है
कभी मानो अपने मै समा जाने को तरसती है
जब भी आती है साथ अपने प्यार लाती है
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ए बारिश की बूंदे जब भी पड़ती हैमुझे मेरा यौवन याद आता हैकभी श्रृंगार की हुईं नव वधू की तरह दिखती हैकभी मानो अपने मै समा जाने को तरसती हैजब भी आती है साथ अपने प्यार लाती है