मुझे नींद कहाँ आतीं हैं मेरी रातें सोतीं रहतीं हैं
मैं जानता हूँ के मेरे पीठ पीछे मेरी बातें होती हैं
जब तक रहा वहाँ पर अकेला बंजर ही पड़ा रहा
अब सुनने में आता है वहाँ बरसातें होती रहतीं हैं
17 फरवरी 2022
मुझे नींद कहाँ आतीं हैं मेरी रातें सोतीं रहतीं हैं
मैं जानता हूँ के मेरे पीठ पीछे मेरी बातें होती हैं
जब तक रहा वहाँ पर अकेला बंजर ही पड़ा रहा
अब सुनने में आता है वहाँ बरसातें होती रहतीं हैं
बहुत शुक्रिया ✨
18 फरवरी 2022
उम्दा पंक्तियां। बहुत खूब👍👍
18 फरवरी 2022