बेटियां तो होती है,
धन ही पराया !!
बेटियां तो होती
है , धन ही पराया ,
सदियों से सुनते
आये है ! बुजुर्गों ने भी यही सिखाया !
पर मतलब ठीक से अब
समझ मे आया , जब अपनी प्यारी बेटी को ब्याहा-- 2 ! बेटियां तो.......... !!1!!
नन्ही सी गुडिया
की किलकारियां जब घर मे गूंजी,बस खुशिया
ही खुशीया थी चारों और छायी ,
मन मे बुने
रंगीन सपनो को , रुच-रुच पूरा किया !
प्यारी-प्यारी बातें और खेल तमाशे ,कभी हंसना,रुठना, फिर कभी हमको मनाना
कभी शरारतों से
मन गुद्गुदाना, कभी इठलाना, कभी डांट देना !
आनंद भरे पल सब
हो गये सपना !! अब लगता है घर बस सूना - सूना --2, ! बेटियां तो.......... !!2!!
लगता है कहीं
पीछे से आकर मा वह पुकारेगी ,
मे दौडी जाऊंगी और
गले से लगा लूंगी ,भीचकर उसको अपने आंचल मे छुपा लूगी
!
मन मे कई थी उमंगे -- खूब पढे- लिखे योग्य बने वह , और बस जल्दी से बडी वह हो जाये
!
फिर प्यारी सी दुलहन
बने वह ,एक सुंदर सा प्यार करने वाला हमसफर
उसे मिल जाये !! ! बेटियां तो.......... !!3!!
पर अब मन ही मन
लगता है ऐसा कि, काश !!
वह छोटी सी गुडीया
ही रहती, और कभी आंखो से दूर ना होती !
पर फिर यही मन
मुझे समझाने लगा है !
उसके भी अपने है
जीवन के कई सुनहरे- रंगीन सपने ,
उन्हे पूरा करने
का, उनमे रंग भरने का,समय
आ गया है /घडी आ गयी है !! ! बेटियां तो..........!!4!!
वह भी अपना
प्यारा सुंदर सा घर - संसार बसाये, उम्मीदो के
फूल खिलाये ,
"खुशबू" अपनी खुशबू से घर आंगन महकाये !
खुशबू हमसे दूर
हुई तो क्या ?? भीनी - भीनी महक अभी भी सांसों
मे बसी है !
दूर से ही सही
सुगंध आती ही रहेगी, जीवन बगिया को महकाती रहेगी ! !
बेटियां तो..........!!5!!
कहा जाता है, विध्या दान है सब दानो मे बडा ,”खाये
खर्चे ना घटे ,बढता ही रहे जितना भी बंटा” !
पर “कन्या दान”
तो मुझे लगे उससे भी बडा ,क्योंकि जिसे नाजों से पाला-पोसा
,संवार दिया ,
उसे ही एक दिन
बडे धूमधाम से, किसी अजनबी परिवार और पुरुष को
सोंप दिया !
बेटियों ने उस
घर को भी अपनाकर, उजाले से भर दिया, दो परिवारो को एक किया ! ! बेटियां तो.......... !!6!!
सच मे दुनिया की
रस्म रिवाजो के चलते माता –पिता चाहे बेटी को अपने से दूर कर दें !
पर बेटियां कभी
उनसे दूर होती नहिं ! हमेशा दिल ही दिल उनकी कुशलता की सोच मे रहती !
कभी कोई कर
पायेगा ना उनकी बराबरी , क्योंकि बेटिया हमेशा होती
प्रेम से भरी !
बस प्यार भरे दो
मीठे बोल, उसके लिये वे ही हैं भेंट अनमोल
! ! बेटियां तो.......... !!7!!
नही चाहती वह
तुमसे सोना और गहना,वार-त्योहार बुलाकर बस सम्मान
तुम करना !
करती रहेगी
हमेशा सबकी सलामती की दुआये, उसे तो बस प्यार के मीठे बोल ही
भाये !
बेटी की है कोयल से भी मीठी बोली , हमेशा से है वह सुख- दुख की हमजोली ! ! बेटियां तो.......... !!8!!
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