सच कहता हूँ मान लो , करो नहीं संहार !
रही बेटियाँ दोस्तों , सृष्ठी का आधार !!
बेटी घर का नूर है , चेहरे की मुस्कान !
आज बेटियों की रही , इक विशिष्ट पहचान !!
20 मई 2016
सच कहता हूँ मान लो , करो नहीं संहार !
रही बेटियाँ दोस्तों , सृष्ठी का आधार !!
बेटी घर का नूर है , चेहरे की मुस्कान !
आज बेटियों की रही , इक विशिष्ट पहचान !!