भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से विनम्र निवेदन ,
अगर वे वास्तव में देश की जनता के हित में काम करने
के लिए दिल से प्रतिबद्ध है !
हिंदुस्तान में काम करने वाले हर मजदूर को सामजिक सुरक्षा
मुहैया करवाने की दिशा में समुचित प्रयास करे ! देश में बढ़ते हुये
भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण लोगो के मन में अपने भविष्य की चिंता है ,
लोग ज्यादा से ज्यादा पैसे बचाकर रखना चाहते है ताकि उनका भविष्य
सुरक्षित रहे !
हमारे देश के एक तबके के पास इतना ज्यादा पैसा है की वे सोच ही नहीं
पाते की कहाँ खर्च करे ,दुर्भाग्य की बात है की वे मेरे देश के व्यापारी और
औद्योगिक घराने है ! वे मंदिरो और गुरुद्वारों के नाम पर तो करोडो रूपये
दान में दे देते है , लेकिन अपने साथ काम करने वाले मजदूरो को ई
यस आई व पी एफ जैसी आवश्यक सुविधाये तक नहीं देते ! सच कहूँ
तो इसके लिए वे हरगिज जिम्मेदार नहीं है ! इसके लिए देश की सरकार
पूरी तरह से जिम्मेदार है ! सामाजिक सुरक्षा सिर्फ मजदूरो को ही नहीं
देश के हर नागरिक को मिलने का प्रावधान होना चाहिए !
ऐसा नहीं की इसके लिए हमारे देश में पैसे की कमी है ! अगर कमी है
तो सिर्फ सरकार की नीयत की कमी है ! सरकार खाद्य सुरक्षा और मनरेगा जैसी
योजनाओ पर तो पानी की तरह पैसा बहाती है , क्योकि ये योजनाये सरकार के
लिए लूट का अमोघ अस्त्र है ! देश की बढ़ती हुई महगाई में इन जान लेवा
योजनाओ का बहुत बड़ा योगदान है !
मोदी साहब अगर आप सच मुच देश की शिक्षा को सुधारना चाहते है तो
हर बड़े से बड़े सरकारी कर्मचारी के लिए यह जरूरी करे की उनके बच्चे सिर्फ
सरकारी स्कूलों में पढ़े ! शिक्षा का स्तर अपने आप सुधर जायेगा !
देश में कुकुरमुत्तों की तरह बढ़ते हुए बड़े बड़े और पांच सितारा स्कूलों का विकास
देश का विकास हरगिज नहीं है ! जिसमे पढ़ने के लिए लाखो रूपये का चंदा लिया
जाता है ! यह बताने की आवयश्कता नहीं है की वह सिर्फ गिने चुने अमीरो के बच्चे
ही शिक्षा प्राप्त कर सकते है !
आप से देश को बड़ी उम्मीद है , उम्मीदों पर आप खरा उतरेंगे ऐसा मेरा विश्वास है
आपने अपने भाषणो में अक्सर यह कहाँ है की आप चाय बेचते थे ,आशा है देश की
गरीब जनता का दर्द समझेगे !
कवि हूँ पिछले १३.०९.२०१३ से आप को इस देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए राष्ट्र
जागरण के काम में लगा हूँ ! आज आप देश के प्रधानमंत्री है !
अंत में एक दोहे के साथ अपनी बात को विराम देना चाहूँगा !
धन्यवाद के साथ ,
उम्मीदे जब टूटती, होता बड़ा मलाल !
लगता जैसे कर रहा , कोई हमें हलाल !!
-कवि कृष्णा नन्द तिवारी-