कवि कृष्णा नन्द तिवारी के दोहे !
हर दोहा कुछ कहता है !
१- अगर मान लो हार है , अगर ठान लो जीत !
सब कुछ निर्भर सोच पर , सुन मेरे मन मीत !!
२- करे नियंत्रण क्रोध पर , गिर सकती है साख !
बना बनाया हो सके , पल भर में ही राख !!
३- प्रायश्चित करना पड़े , हम को उम्र तमाम !
भूले से भी ना करे , ऐसा कोई काम !!
४- सही आदमी को सदा , सही दीजिये काम !
तभी मिलेगा आपको , मनचाहा परिणाम !!
५- बुरे वक्त के वास्ते , रहे सदा तैयार !
पता नहीं कब वक्त का , पड़ जाए कब मार !!
६- समझौते से ही सदा , होते देखे काम !
बचे व्यर्थ टकराव से , मिले सुखद परिणाम !!
७- जितना सच उतना कहे , रखे सदा यह याद !
बड़ी बड़ाई ना करे , पछताए जो बाद !!
८- उचित बात करिये सदा , अनुचित से परहेज !
समझदार होना सही , बने अधिक मत तेज !!
९- बेशक कितने भी बुरे , हो जाए हालात !!
आपा मत खोये कभी , रहे सदा यह ज्ञात !!
१०- गुस्से से होता सदा , खुद का ही नुक़सान !
तोड़ रहे है क्रोध में , घर का ही सामान !!
११- झूठ , कपट ,छल से बचे , करे न व्यर्थ प्रलाप !
फुर्सत हो तो सोचिए , कहाँ गलत थे आप !!
कवि कृष्णा नन्द तिवारी !!
9999666503