भारत को स्वच्छता बनावें
भारत को स्वच्छता बनावें। सुख शांति का फल पावे ।
घर पर ना गदंगी होवे। रास्ते पर पड़ा कचरा गदंगी ना फैलावें।
रोज तूम झाडू लगाना। रोज तुम तो गंदगी भगाना।
स्वच्छ भारत का नाम जपे कोई । उसे मिले गंदगी से छुटकारा।
रोज तुम्हारे पास गदंगी होवे । जहा राक्षस प्रजाति के मच्छर होवें।
मच्छर बड़ा चालू होवे। काटे तो डेंगू जैसी बीमारी होवें।
जो करे गंदगी साफ । उसको मच्छर से निश्चित मुक्ति होना।
घर पर कचरे को डस्टबीन में डालो । घर स्वच्छ बना तुम डालो।
हर कदम घर स्वच्छ होवे । सुख समद्धि ओर सपत्ति अपार होवंे।
रोज तुम सवेरे उठना । आप सदा पहले घर साफ होना।
आप सदा पहले शरीर स्वच्छ होना । मन में ईश्वर का होना।
जो स्वच्छता फैलाये। उसका जीवन सुखमय होना।
मेरे द्वारा यह रचना स्वरचित है।
नाम अक्षय आजाद भण्डारी राजगढ़
जिला धार मध्यप्रदेश
मों.9893711820