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जनता बोल रही है

23 अप्रैल 2016

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जनता बोल रही है


जनता बोल रही है

नेता तो बस कह जाते है,

वादो से वो मुकर जाते है।


जनता तो सिर्फ बोलती है

काम तो चुनाव आते ही सिर्फ अन्त

में दिखा जाते है।


विश्वास करे कौन से नेता पर

जो भरते खुद का घर

भाषण में चर-चर कर जाते है।


चुनाव से पहले घर-घर नेता पहुॅचे जाते है

सभा करते चैराहे के नुक्कड़ पर और

वो अपने घर भाग जाते है।


चुनाव में पार्टी एक-दूसरे पर आरोप लगाती है

भ्रष्टाचार इस पार्टी ने किया ज्यादा है ,

हम भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाएगे

बस एक आपका अमूल्य वोट दे दिजिए।


फिर क्यों भ्रष्टाचार के लिए महापुरुषो व अन्ना को

लड़ाई और अनशन करना पड़ा

क्या अब नेता शिष्टाचार का पाठ पढ़ाएगें।


क्या जनता मुर्ख है कितनी बार नेता के चक्कर लगाएगे,

अब तो आरटीआई आ गया है,

अब तो सबकी पोल खुलवाएगें,ये जनता बोल रही है।


 

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