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Biswojyoti Banerjee की डायरी

Biswojyoti Banerjee

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Biswojyoti Banerjee की अन्य किताबें

पुस्तक के भाग

1

रूपयों का वो डेरा !!!

21 जून 2023
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फैला हो चारों दिशा में, गगन, जल और धरा में, अभिलाषित मन की बस है यही अभिलाषा । दिखा दे एक बार सही उस नीले अंबर पर बिखरा रूपयों का वो डेरा, चाहूँ जब मैं, अपने पँख खोल, उड़ के,  ले आऊँ दो-चा

2

गाज़र की अभिलाषा ।

21 जून 2023
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न जाने मार्च महीने के आते आते क्यों मन उस चातक की तरह बदालों को घूरता रेहता है की सूखे होंट और निर्मम गर्मी की कोई आहट ही आ जाये, अप्रैल आगया भाई कोई गाज़र का पता तो बतलाये ? 6-7 महीने पहले बाबा बोल गय

3

कॉर्पोरेट गाज़र !!!

21 जून 2023
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यार बड़े दिन हो गया गाज़र खाये हुए, सुना था की मिलने वाला है बस कुछ दिनों में सस्ते, ताज़े, अच्छे गाज़र | किसी ने कहा की भाया ज़रा सब्र रखो, अभी तो बोहत मेहंगा चल रहा है गाज़र, कुछ दिनों में

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