नेहरु-इंदिरा ने बहुत से ऐसे सबूत नष्ट कर दिए जो साबित करते थे की नेताजी की मृत्यु १९४५ में नहीं हुई थी, नेहरु ने अंग्रेजों के साथ मिलकर षड्यंत्र कर सत्ता के लोभ में उन्हें भारत से बाहर किया, उन्हें युद्ध अपराधी के रूप में अंग्रेजों को सौंपने का षड्यंत्र किया, उनकी मौत के पीछे नेहरु हाथ था
यह फ़ोटो देख लो । मालूम चल जाएगा की क्या कारण था जो नेहरू ने सुभाष चंद्र बोस को रस्ते से हटाने को सोची ।
सच्चाई यही है की गांधी नेहरू के 1942 के बाद कुत्ता भी नहीं पूछता था । गांधी के सभी आंदोलन फ्लॉप शो थे क्योंकि गांधी उनको बीच में ही छोड़ देता था ।
डंडी मार्च को लेकर गांधी को महात्मा कहने वाले लोगो कौन सा तीर मार लिया था ?? होना तो यह चाहिए था की अंग्रेजो को 1 पैसा भी टैक्स के रूप में नहीं दिया जाना चाहिए था । नमक पर टैक्स हटाने से कौन सा देश की समस्या हल हो गयी थी ?? लोग क्या सिर्फ नमक खाते थे ??
कुछ गांधीवादी उर्फ़ कांग्रेस के पालतू कुत्ते कहते है गांधी ने देश की जनता को एक किया ||
घंटा एक किया ?? गांधी ने तो बल्कि देश की जनता को विभाजित किया था ।
एक तो चंद्र शेख़र आज़ाद सुभाष चंद्र बोस भगत सिंह ने किया था जिसको गांधी और अंग्रेजो ने मिलकर मरवाया था ।
जलियावाला बाग में 40000 से ज्यादा परिवारो के लोग एक साथ थे जिसका गांधी से कोई लेना देना नहीं था ।
आज़ाद हिन्द फ़ौज में लाखो परिवार जुड़े हुए थे जिनका गांधी से कोई लेना देना नहीं था।
गांधी के अधिकतर समर्थक वो थे जो कांग्रेस से जुड़े थे जैसे आज भी कांग्रेस से जुड़े हुए लोग है बेशक कांग्रेस देश बेचकर खा जाए । बस हिस्सा मिलना चाहिए।