मैंने गलत को गलत कहा
ना कोई सगा रहा, जिस दिन से होकर बेधड़क मैंने गलत को गलत कहा! तोहमतें लगने लगी, धमकियां मिलने लगी, हां मेरे किरदार पर भी ऊंगलियां उठने लगी, कातिलों के सामने भी सिर नहीं मेरा झुका! मैंने गलत को गलत कहा! चापलूसों से घिरे झाड़ पर वो चढ़ गये, इतना गुरूर था उन्हें कि वो खुदा ही बन गये, झूठी तारीफें न सु