ममता का सागर
ममता का सागर गहरा है इतना | जाऊँ जितनी गहराई में गहराता जाए वो उतना |मेरे माँ कि विशेषता बतलाऊ मैं क्या ?माँ तो सभी की विशेष होती है |अतः जिस माँ का शिशु जब जब रोता है |वो हर माँ उस शिशु के साथ रोती है |जो भूखा हो बच्चा जिस जिस भी माँ का ,वो हर माँ अपने हाथ का निवाला