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जो खुशियो मे साथ रहते हैं.दुःख मे क्यू दूर हो जाते है.क्या इसे इंसान कहते हैं. इंसान से वह न बोलणे वाले जनावर है.जो सुख मे ओर दुःख मे साथ हमेशा रह जाते है.क्या हम उने इंसान कहे.खुद को इंसान कहे
पैसा आज के जमाने मे किंमती हो चुका है.लोग पैसे के पिछे भाग रहे हैं.रिस्ते दारी सब खतम हो रहा है.कोई इस जमाने मे नहीं हो रहे है.....
मुश्किल घडी मे साथ क्यू खडा कोई नहीं है. वक्त मुश्किल सा चल रहा है.कौन कहता है...... कोई अपना है. आश दिल में राखता है.कौन कहता है.
आज जिंन्हा है. खुल के जींना शिक्. क्योकि कल किसणे देखा है. खुसियो से साथ जींन्हा शिख. लोगो को अपने साथ. चलणा शिख. कयोकी कल कीसने दे खा है. खामोश जिन्दगी से. खुशी लोगो बीचं बाट के जी...कल कीसणे द
1खामोशी का पडडा छोड्ड.के उट ता जा. अपने आप को अंधेरा रोशनी की चमक से निकलथा जा .क्यू डर के बैठ गया है. आंधी को दूर करके चल उड था जा. पहचान अपने आप को.लोगो को कौन है तू ये दिखाता जा...
सपनो को सवार ने के लिये. कूच्छ काम करता जा. अपनो के खुशी के लिये कुच्च लिखता जा . &n
खामोश क्यू बैठा है.मेरे दोस्त. उठ जरा दुनिया को देखं. &
वह सायकल वाले बाते. दोस्तों के साथ घुमने वाले राते. बरसात वाले दीन. नदियो के किनारे कहा खोये वह दीन. साथ मे बैठे किये वा
वक्त मुश्किल सा आया है. जिन्दगी मे अजब सा मोड छाया है.&