- खामोश क्यू बैठा है.मेरे दोस्त. उठ जरा दुनिया को देखं. दूनिया उड रहा है चांद पर. ऐसे सोच के ना बैठं. हमे क्यू दूर करते हो. चलना तुझे अकेला हे अपणो का ना कोई बसेरा है. जिवन का यही सवेरा हे. बस जिने की रहा बदल चल . अपणी सोच की उडान भर. मेहनत कर दिखाह.उन लोगो को जो साथ छोड गये हैं सब लॉट आयेगे. बस चल