shabd-logo

हताश मन......

10 अप्रैल 2024

5 बार देखा गया 5
पैसा आज के जमाने मे किंमती हो चुका है.लोग पैसे के पिछे भाग रहे हैं.रिस्ते दारी सब खतम हो रहा है.कोई इस जमाने मे नहीं हो रहे है.....
मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बिल्कुल सही लिखा है आपने सर 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा और लाइक जरूर करें 🙏🙏🙏

10 अप्रैल 2024

Ghanshyam khandate

Ghanshyam khandate

10 अप्रैल 2024

Thanks so much

1

किसे इंसान कहते है.

7 अप्रैल 2024
4
2
1

जो खुशियो मे साथ रहते हैं.दुःख मे क्यू दूर हो जाते है.क्या इसे इंसान कहते हैं. इंसान से वह न बोलणे वाले जनावर है.जो सुख मे ओर दुःख मे साथ हमेशा रह जाते है.क्या हम उने इंसान कहे.खुद को इंसान कहे

2

हताश मन......

10 अप्रैल 2024
1
1
2

पैसा आज के जमाने मे किंमती हो चुका है.लोग पैसे के पिछे भाग रहे हैं.रिस्ते दारी सब खतम हो रहा है.कोई इस जमाने मे नहीं हो रहे है.....

3

कौन कहता है..

16 अप्रैल 2024
2
1
2

मुश्किल घडी मे साथ क्यू खडा कोई नहीं है. वक्त मुश्किल सा चल रहा है.कौन कहता है...... कोई अपना है. आश दिल में राखता है.कौन कहता है.

4

कल किसने देखा.

17 अप्रैल 2024
0
0
0

आज जिंन्हा है. खुल के जींना शिक्. क्योकि कल किसणे देखा है. खुसियो से साथ जींन्हा शिख. लोगो को अपने साथ. चलणा शिख. कयोकी कल कीसने दे खा है. खामोश जिन्दगी से. खुशी लोगो बीचं बाट के जी...कल कीसणे द

5

कल किसने देखा.

17 अप्रैल 2024
0
0
0

आज जिंन्हा है. खुल के जींना शिक्. क्योकि कल किसणे देखा है. खुसियो से साथ जींन्हा शिख. लोगो को अपने साथ. चलणा शिख. कयोकी कल कीसने दे खा है. खामोश जिन्दगी से. खुशी लोगो बीचं बाट के जी...कल कीसणे द

6

कल किसने देखा.

17 अप्रैल 2024
0
0
0

आज जिंन्हा है. खुल के जींना शिक्. क्योकि कल किसणे देखा है. खुसियो से साथ जींन्हा शिख. लोगो को अपने साथ. चलणा शिख. कयोकी कल कीसने दे खा है. खामोश जिन्दगी से. खुशी लोगो बीचं बाट के जी...कल कीसणे द

7

कल किसने देखा.

17 अप्रैल 2024
0
0
0

आज जिंन्हा है. खुल के जींना शिक्. क्योकि कल किसणे देखा है. खुसियो से साथ जींन्हा शिख. लोगो को अपने साथ. चलणा शिख. कयोकी कल कीसने दे खा है. खामोश जिन्दगी से. खुशी लोगो बीचं बाट के जी...कल कीसणे द

8

कौन है तू

19 अप्रैल 2024
1
1
1

1खामोशी का पडडा छोड्ड.के उट ता जा. अपने आप को अंधेरा रोशनी की चमक से निकलथा जा .क्यू डर के बैठ गया है. आंधी को दूर करके चल उड था जा. पहचान अपने आप को.लोगो को कौन है तू ये दिखाता जा...

9

कूछ कर के दिखा.

20 अप्रैल 2024
0
0
0

सपनो को सवार ने के लिये. कूच्छ काम करता जा. अपनो के खुशी के लिये कुच्च लिखता जा . &n

10

हमे क्यु दूर करते हो.

26 अप्रैल 2024
0
0
0

खामोश क्यू बैठा है.मेरे दोस्त. उठ जरा दुनिया को देखं. &

11

कहा खोये वह दीन.

27 अप्रैल 2024
1
0
0

वह सायकल वाले बाते. दोस्तों के साथ घुमने वाले राते. बरसात वाले दीन. नदियो के किनारे कहा खोये वह दीन. साथ मे बैठे किये वा

12

मदत करणे वाले हात.

29 अप्रैल 2024
1
2
1

वक्त मुश्किल सा आया है. जिन्दगी मे अजब सा मोड छाया है.&

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए