ख्वाहिशें हजार थी मगर
गुजारा कुछ एक से कर लिया
हुनर जीने का कुछ हमने भी सीख लिया
मन्नते अधूरी रह गई कुछ, सब कहाँ पूरी हुआ
ऐसा लगता है, मेरा ख़ुदा मुझसे रूठ गया
गुजारा कुछ एक से कर लिया
हुनर जीने का कुछ हमने भी सीख लिया
मन्नते अधूरी रह गई कुछ, सब कहाँ पूरी हुआ
ऐसा लगता है, मेरा ख़ुदा मुझसे रूठ गया