29 मई 2015
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मैं दीपिका कुमारी दीप्ति करहरा पालीगंज पटना की रहनेवाली हूँ । मैं एम.एच.डी. की विधार्थी हूँ। लड़कियों का श्रृंगार का शौक बहुत होता है और ये शौक मुझे भी है ; लेकिन खूद श्रृंगार करना नहीं बल्कि शब्दों को श्रृंगार करना । ये शौक मुझे बचपन से ही है । मैं हिन्दी शब्दों को अधिक से अधिक सजाकर प्रस्तुत करने की कोशिश करती हूँ । यदि मेरी रचना में किसी प्रकार की त्रुटि रह गयी हो तो मैं आपसे क्षमा याचना चाहती हूँ ।D
दीपिका जी, आपकी यह रचना तीन बार पोस्ट हो गयी है...अतः इसे आप स्वयं सम्पादित कर लें....धन्यवाद !
30 मई 2015
अति सुन्दर रचना....बधाई !
30 मई 2015