हौसलों की उड़ान
देख पंछी परिंदों को
मेरे मन जागी इच्छा
मैं भी इनकी तरह
उडूँ उन्मुक्त आकाश में
लेकिन इनके तो पंख हैं
मैं पंख कहाँ से लाऊँ
मैं हो गयी परेशान
अब कैसे भरुँ उड़ान
दिल ने मुझे समझाया
धैर्य दिला के कहा
घबराओ मत ऐसे
मैं उपाय बताता हूँ
पंख नहीं तो क्या हुआ
हौंसलों की उड़ान भरेंगे
सारा जहान घुमेंग