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हे कृषण गोपाल

21 अगस्त 2022

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हे कृष्ण गोपाल हरि,हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,हे दीन दयाल हरि,

तुम करता तुम ही कारण,परम कृपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि,हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि.

रथ हाके रणभूमि में और कर्म योग के मर्म बताये,
अजर अमर है परम तत्व यूँ,
काया के सुख दुःख समझाये,
सखा सारथी शरणागत के,
सदा प्रितपाल हरी हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी हे दीन दयाल हरि,

श्याम के रंग में रंग गयी मीरा,
रस ख़ान तो रस की ख़ान हुई,
जग से आखे बंद करी तो,
सुरदास ने दरस किये,
मात यशोदा ब्रज नारी के,
माखन चोर हरी हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी हे दीन दयाल हरि,

हे कृष्ण गोपाल हरि हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी हे दीन दयाल हरि,

Bhagwat Parijat की अन्य किताबें

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रचनाएँ
Bhagwat Parijat भजन डायरी
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आप सभी को भजन संग्रह प्रकाशित की जा रही है
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गाइये गणपति जग वन्दन

18 अगस्त 2022
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गाइये गणपति जगवंदन ।शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥सिद्धि सदन गजवदन विनायक ।कृपा सिंधु सुंदर सब लायक ॥गाइये गणपति जगवंदन ।शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥मोदक प्रिय मुद मंगल दाता ।विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥गाइय

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किसी से उनकी

18 अगस्त 2022
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किसी से उनकी मंजिल का पता,पाया नहीं जाता,जहाँ है वो फरिश्तों का वहाँ,साया नही जाता।।मोहब्बत के लिये कुछ खास दील,मखसुस होते है,ये वो नगमा है जो हर एक साज पे,गाया नही जाता,किसीं से उनकी मंजिल का पता,पाय

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हे कृषण गोपाल

21 अगस्त 2022
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हे कृष्ण गोपाल हरि,हे दीन दयाल हरि,हे कृष्ण गोपाल हरी,हे दीन दयाल हरि,हे कृष्ण गोपाल हरी,हे दीन दयाल हरि,तुम करता तुम ही कारण,परम कृपाल हरी,हे दीन दयाल हरि,हे कृष्ण गोपाल हरी,हे दीन दयाल हरि.रथ हाके र

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वृन्दावन के वट वृक्षों पर

22 अगस्त 2022
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वृन्दावन के वट वृक्षों पर,राधे श्याम लिखा रखा है,सूरदास के हर एक पद में,प्रभु का नाम का छिपा रखा है।।बसे यहाँ रास रचैया,चरावे वन वन गईया,खिली बृज में फुलवारी,बहे यहाँ जमुना मईया,माखन चुराके,बंसी बजाके

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दाता तेरा मेरा प्यार

28 अगस्त 2022
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दाता तेरा मेरा प्यार कभी न बदले,दाता मेरा व्यवहार कभी न बदले,दाता तेरा मेरा प्यार कभी न बदले,सतसतंग तेरा छोड़ू कभी नमुख भी तुमसे मोडू कभी ना,मेरा यह व्यवहार कभी न बदलेदाता तेरा मेरा…….द्वारे तेरे आता

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