हृदय के स्वर खिले हों या रुॅंधे हुए, धड़कने स्वस्थ हो या रुग्ण, उनके साथ जीवन कैसे जिया जाए-यह मार्ग दिखाना ही मर्म चिकित्सा का ध्येय है। सीने के बीच और बाई तरफ बसा तथा जीवन के हर पल का संचालन करता हृदय प्रकृति की अनमोल कृति है। यह हमारे जीवन के क्रिया-कलापों का केंद्र है और उसी की धड़कनों में हमारे प्राण बसे हैं। उनसे शक्ति पाकर ही रक्त हमारी धमनियों में दौड़ता है और शरीर को प्राणों से भर देता है। इसकी निष्क्रियता जिंदगी का अंत है और सक्रिय रहना ही जिंदगी है। इसी प्राण-शक्ति के प्रवाह को एक्यूप्रेशर के द्वारा संतुलित करने की क्रिया को ही मर्म चिकित्सा कहते हैं। इसलिये हृदय से संबधित किसी भी बेतरतीबी पर तुरंत ध्यान देकर सही Reflexology Pressure Points पर दबाव डालने से हृदय रोग की संभावना को खत्म किया जा सकता है। Heart atrack हो तो तुरंत concerned pressure points को दबाने से व्यक्ति के बचने की संभावना अधिक रहती है। उचित चिकित्सा के मिलने तक इस बिंदु को दबाकर रखने से जीवन रक्षा की जा सकती है।