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खुशबू की तरह

8 मार्च 2022

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*तू खुश्बू की तरह बस महकती रहे,,,*
*गुल बनकर बनकर मैं खिलता रहूँ|*

*तुम छुप -छुपकर मुझसे मिला करो*
 *मैं छुप-छुपकर तुमसे मिलता रहूँ|*

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