शेरों -शायरी और कविताओं का शौक
पारिजात में मेरे द्वारा लिखी कुछ कविताओं का संकलन है जो कल्पना के विमान से यथार्थ की भूमि पर उतरता है!!!
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पद्य का शीर्षक:- *एक ख़्वाब* *पद्य:*- *एक ख़्वाब .......* कल! ख़्वाब देखते देखते सारी रात हो गई सुनाता हूँ तुम्हें एक गज़ब बात हो गई || चुपके से आकर तुम बैठी मेरी पास फिर इशारों में वही
यह हिन्द देश प्यारा मेराप्यारी इसकी कहानी हैभारतवासी सुनो गौर सेइक बात तुम्हें बतलानी है |||उन्नत भारत का सिंध -प्रांतजहाँ सिंधु सभ्यता पैदा हुईजग को जिसने सभ्य बनायाजग कहता उसकी कहानी है |भारतवासी सु
मैं इंतज़ार में हूँ तू कुछ तो कहेगीजो भी कहेगी बस सच ही कहेगी||लोकेश कुमार रजनीश
*कुदरती यह कमाल, बेमिसाल हो रहा है*बिना कोई बात यह दिल बादलों -सा रो रहा है |*मेरा दिल, ज़िद करके मुझसे पूछ बैठा है आज*क्या इश्क़ का मारा है,जो इतने दिन से रो रहा है|
*तू खुश्बू की तरह बस महकती रहे,,,**गुल बनकर बनकर मैं खिलता रहूँ|**तुम छुप -छुपकर मुझसे मिला करो* *मैं छुप-छुपकर तुमसे मिलता रहूँ|*