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निभाने थे कसमे और वादे तुम्हें ।

14 जनवरी 2022

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निभाने थे कसमे और वादे तुम्हें ।
तुम अकेला ही छोड़ गए रास्ते में हमें ।

काजल बनके तुम्हारी आंखों में बसते।
सदैव तुम्हारी निगाहों में बसते।

जवानी और बुढ़ापा सब तुम्हारे साथ कटते।
निभाने थे कसमे........

एक मुलाकात की कह दो तो बहाने बनाते है।
घर पर सभी लोग हैं बाद में बताते हैं।

मैं चाहता हूं हर बार बहाना मिले ।
मेरी चाहतों का सिला ये मिले ।

मैं हार कर भी जीत जाऊं तुम्हें।
निभाने थे कसमे........
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रचनाएँ
कृष्ण को समझना है तो प्रेम करके तो देखो ।
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कृष्ण को समझना है तो प्रेम करके तो देखो । विरह वेदना क्या होती है सह के दो तो देखो । प्रेम में मिलना सभी के लिए मुमकिन है, बिछड़ कर जीना क्या है कभी प्रेम करके तो देखो। प्रेम में वादे सभी करते हैं हमेशा, खामोशी में भी वियोग कितना है देखो। खतो का हिसाब सब रखते हैं लेकिन, अनकही बातों के हिसाब रख कर तो देखो। प्रेम समझना हर किसी के बस की बात नहीं, रात भर जागकर उसके लिए रो कर तो देखो। प्रेम की पवित्रता कृष्ण ने सिखलाई है, कभी मीरा सी प्रीत,किसी से लगा कर तो देखो। घर छोड़ा विष का प्याला पिया दीवानी बन के डोली, तब समझोगे कभी कृष्ण कृष्ण करके तो देखो।

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