Praveen saral
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कविता व्यंग एवं सामाजिक मुद्दों पर लेखन
कृष्ण को समझना है तो प्रेम करके तो देखो ।
कृष्ण को समझना है तो प्रेम करके तो देखो । विरह वेदना क्या होती है सह के दो तो देखो । प्रेम में मिलना सभी के लिए मुमकिन है, बिछड़ कर जीना क्या है कभी प्रेम करके तो देखो। प्रेम में वादे सभी करते हैं हमेशा, खामोशी में भी वियोग कितना है देखो। खत
कृष्ण को समझना है तो प्रेम करके तो देखो ।
कृष्ण को समझना है तो प्रेम करके तो देखो । विरह वेदना क्या होती है सह के दो तो देखो । प्रेम में मिलना सभी के लिए मुमकिन है, बिछड़ कर जीना क्या है कभी प्रेम करके तो देखो। प्रेम में वादे सभी करते हैं हमेशा, खामोशी में भी वियोग कितना है देखो। खत