किसी रोज़ बारिश जो आए
समझ लेना बूँदों में मैं हूँ
सुबह धूप तुमको सताए,
समझ लेना किरणों में मैं हूँ,
कुछ कहूं या न कहूं
तुम मुझको सदा सुनते रहना,
बस इतना है तुमसे कहना...
21 अप्रैल 2016
किसी रोज़ बारिश जो आए
समझ लेना बूँदों में मैं हूँ
सुबह धूप तुमको सताए,
समझ लेना किरणों में मैं हूँ,
कुछ कहूं या न कहूं
तुम मुझको सदा सुनते रहना,
बस इतना है तुमसे कहना...