जहाँ मित्रता कि नीव विश्वास से भरी हो
जिसमें समय की खाद लगी हो
जो धूप और छाया
प्रेम और कटुता से सजी हो
जैसे शीतल पवन वैसे आनंदमयी हो
धरती गगन सी विलखता जिनमे
ऐसी दो नदियों का संगम हो
शेर हिरन एक तट पर जैसे
सागर से भी गहरी प्रीति हो
वह मित्रता सदियों चलती है
मुश्किलों और भ्रम से न डरती है
वैसी मित्रता हो सबकी सबसे
काश कि यही इस जग कि नीति हो!!!
#madhurVani