shabd-logo

*निडर रहना*

27 मार्च 2022

12 बार देखा गया 12
सायों में रहने के आदी
इतने भी ना हो जाना
की धूप से नज़रें मिला न सको। 
जो निकलो खुली हवा में तुम
इतने तो निडर रहना
कि झोंकों से घबरा न सको। 
खुलकर जीने का स्वप्न देखना
मगर सोते न रह जाना 
की उठो तो पूरा कर न सको। 
                  ~√

madhurVani💕 की अन्य किताबें

1

*मेरे देश की महिमा*

25 मार्च 2022
3
3
2

हर जीत पर हर गीत परमेरे देश की महिमा छायी है, लहराता ये अपना तिरंगागौरवमय घडी आई है। आजादी की वर्षगांठ पर फिर देश में रौनक आई है, संकल्प करें फिर से मन मेंहर व्यक्ति अपना भाई

2

*निडर रहना*

27 मार्च 2022
0
0
0

सायों में रहने के आदीइतने भी ना हो जानाकी धूप से नज़रें मिला न सको। जो निकलो खुली हवा में तुमइतने तो निडर रहनाकि झोंकों से घबरा न सको। खुलकर जीने का स्वप्न देखनामगर सोते न रह जाना की उठ

3

मित्रता

27 जुलाई 2022
0
0
0

जहाँ मित्रता कि नीव विश्वास से भरी हो जिसमें समय की खाद लगी हो जो धूप और छाया प्रेम और कटुता से सजी हो जैसे शीतल पवन वैसे आनंदमयी हो धरती गगन सी विलखता जिनमे ऐसी दो नदियो

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए