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जालिम जुदाई

28 मई 2015

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काश यह जालिम जुदाई न होती! ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न हम उनसे मिलते न प्यार होता! ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
उषा यादव

उषा यादव

सुन्दर लिखा है !

29 मई 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!......बहुत खूब !

29 मई 2015

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