28 मई 2015
0 फ़ॉलोअर्स
D
सुन्दर लिखा है !
29 मई 2015
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!......बहुत खूब !
बुध्धू दिल भी आज मुझे ये कह कर डरा रहा है, करो याद उसे वरना मै धड़कना छोड़ दूँगा…!!!
साँवरिया ........ . तुम्हारे इन्तजार ने ये हाल किया है ...... नब्ज चलती है तो दुखती है कलाई मेरी ......
काश यह जालिम जुदाई न होती! ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न हम उनसे मिलते न प्यार होता! ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
लाख टके की बात 👌 "जो मुस्कुरा रहा है, उसे दर्द ने पाला होगा..., जो चल रहा है, उसके पाँव में छाला होगा..., बिना संघर्ष के इन्सान चमक नही सकता, यारों..., जो जलेगा उसी दिये में तो, उजाला होगा...।"