shabd-logo

Benefits of Amla in your life-आपके जीवन में आंवला के लाभ

13 मई 2016

551 बार देखा गया 551
featured image

मनुष्य आज जितना दिनों -दिन nature(प्रकति) से दूर होता जा रहा है उतना ही रोगों से उसका रिश्ता बढ़ गया है आप जरा सोचे पहले लोग क्यों स्वस्थ रहा करते थे उनका life(जीवन) भी उनका सुखमय था मेरा आशय धन से सुखी होना नहीं है शारीरिक सुख से सूखी होना ही मेरा तात्पर्य है क्या आपको इसका कारण समझ आता है ?


पहले लोग अधिक परिश्रम किया करते थे जादा परिश्रम से उनके शरीर की पूरी exercise(एक्सरसाइज) हो जाया करती थी अलग से उनको जिम जाने या morning walk(मोर्निंग वाल्क) की जरुरत ही नहीं पड़ती थी उनका आहार और विचार भी शुद्ध था -आज न तो आहार शुद्ध है न ही विचार -


आज किसी को भी पैदल चलने की आदत भी समाप्त हो चुकी है भारी काम करने से मन से दूर होते जा रहे है विचार कलुषित(profane thinking) हो गए है युवा पीढ़ी को तो हर वक्त सेक्स का मूड बना रहता है परिणाम ये है कि 95 प्रतिशत लोगो में छोटी हो या बड़ी कोई न कोई बिमारी अवश्य है अगर अभी नहीं है तो ये जरुरी नहीं कि आगे भी नहीं होगी -खान-पान भी दूषित हो चुका है-


एलोपैथिक दवाओं पे तो विदेशी कम्पनियों का एक छत्र अधिकार स्थापित है महगें दामो पर दवा खरीदने को विवश इसलिए है -कि भगवान् कहे जाने वैध्य या डॉक्टर को अपना कमीशन चाहिए - आखिर इसका हमारे तंत्र का भी योग दान है पढ़ाई के नाम पर बड़े-बड़े डोनेशन दे के जो डॉक्टरों की डिग्री हासिल की जाती  है आखिर उनको जादा इनकम तो चाहिए ही होती है आज इलाज सिर्फ व्यापार बन कर रह गया है-


यदि आज भी लोग अपनी जीवन-चर्या में थोडा सा बदलाव करे तो कुछ हद तक रोग मुक्त हुआ जा सकता है यकीन माने आप बहुत से रोगों से मुक्त रहेगे -


"आंवला" एक सर्वश्रेष्ठ रसायन एवं शक्तिदायक फल है प्रकति द्वारा दिया गया उपहार है इसे आयुर्वेद में "अमृत फल" का नाम दिया गया है -सच है वास्तव में इसमें अमृत जैसे ही गुण है -amla(आंवला) विटामिन सी का अदभुत भण्डार है आप जानते है विटामिन सी यानि कि शक्ति और स्वास्थ का आवश्यक तत्व है -


आंवला(amla) से रक्त शुद्ध होता है इसलिए आप इसके सेवन से चर्मरोगों से मुक्त रह सकते है स्वास्थ और शरीर को सुंदर बनाने में भी इसका विशेष योगदान है और इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे गर्म करने या सुखाने पर भी इसके विटामिन नष्ट नहीं होते है-


आप जानते है कि त्रिफला चूर्ण का मुख्य घटक आंवला ही है च्वयनप्रास भी इसी "अमृत फल" से निर्माण होता है जो वृद्धावस्था को दूर भगाने के काम आता है आपकी जानकारी के लिए बता दे कि च्वयन ऋषि का बुढापा भी इसी से दूर हुआ था इसलिए उनके नाम पर ही च्वयनप्रास योग रक्खा गया है ये बुढ़ापे की उत्तम औषिधि है आजकल तो बड़ी कम्पनियां इसको भी नकली बनाने पर तुली है जिसको खाने से बुढापा तो दूर नहीं होता उल्टे बुढ़ापा आ जाता है -


यदि कोई व्यक्ति नियम से बारह वर्षो तक त्रिफले का नियमित निर्धारित नियमों के अनुसार कर लेता है तो उसका जीवन सभी तरह के रोगों से मुक्त रहेगा-आइये जाने इसके क्या नियम है -


सबसे पहले प्रात: उठकर हाथ-मुंह धोकर कुल्ला करके त्रिफला चूर्ण का सेवन आप ताजे पानी से करे तथा एक घंटे तक आप कुछ भी खाए-पिए नहीं इस नियम का कठोरता से पालन करना अनिवार्य है-


यदि आप कायाकल्प के लिए इसका प्रयोग करने जा रहे है तो आपको अलग-अलग ऋतुओं के अनुसार कुछ वस्तुओं के साथ लेने का नियम है-


आप को पता ही है हमारे देश में छ: ऋतुएँ होती है जो वर्ष में दो-दो माह के लिए होती है -


ग्रीष्म ऋतु - ये चौदह मई से तेरह जुलाई तक माना गया है इसमें आप त्रिफला चूर्ण को चौथाई भाग गुड मिलाकर सेवन करे-


वर्षा ऋतु - चौदह जुलाई से तेरह सितम्बर तक माना गया है इसमें आप त्रिदोषनाशक चूर्ण के चौथाई बराबर सेंधा नमक के साथ सेवन करे-


शरद ऋतु- चौदह सितम्बर से तेरह नवम्बर तक त्रिफला चूर्ण का सेवन देशी खांड चौथाई भाग मिलाकर सेवन करे-


हेमंत ऋतु- चौदह नवम्बर से तेरह जनवरी तक त्रिफला चूर्ण चौथाई भाग सौंठ का चूर्ण मिलाकर सेवन करे- 


शिशिर ऋतु- चौदह जनवरी से तेरह मार्च के बीच चौथाई भाग छोटी पीपल के चूर्ण के साथ मिलाकर सेवन करे-


बसंत ऋतु- चौदह मार्च से तेरह मई के दौरान आप शहद मिला कर सेवन करे शहद सिर्फ उतना ही मिलाये जितने से ये अवलेह बन सकता हो-


होने वाले अदभुत लाभ- 


इस तरह इसका सेवन करने से एक वर्ष के भीतर शरीर की सुस्ती दूर होगी - दो वर्ष सेवन से सभी रोगों का नाश होगा - तीसरे वर्ष तक सेवन से नेत्रों की ज्योति बढ़ेगी - चार वर्ष तक सेवन से चेहरे का सोंदर्य निखरेगा - पांच वर्ष तक सेवन के बाद बुद्धि का अभूतपूर्व विकास होगा -छ: वर्ष सेवन के बाद बल बढेगा - सातवें वर्ष में सफ़ेद बाल काले होने शुरू हो जायेंगे और आठ वर्ष सेवन के बाद शरीर युवाशक्ति सा परिपूर्ण लगेगा- उसके बाद के सेवन से जीवन भर के रोगों से मुक्त शरीर होगा-नौ वर्ष तक नियमित सेवन करने से नेत्र-ज्योति कुशाग्र हो जाती है और सूक्ष्म  से सूक्ष्म वस्तु भी आसानी से दिखाई देने लगती हैं-दस वर्ष तक नियमित सेवन करने से वाणी मधुर हो जाती है-ग्यारह वर्ष तक नियमित सेवन करने से वचन सिद्धि प्राप्त हो जाती है अर्थात व्यक्ति जो भी बोले सत्य हो जाती है-बारह वर्ष में सौ वर्ष तक आपको कोई भी रोग नहीं हो सकता है-


अब आप त्रिफला को घर पे भी बना सकते है ये शुद्ध होगा इसका अनुपात भी आप जान ले-


हरड - 100 ग्राम 

बहेड़ा - 200 ग्राम 

आंवला- 400 ग्राम 


समाप्त होने पर इसी अनुपात में दुबारा निर्माण कर सकते है- एक  चाय के खर्च के बराबर प्रतिदिन का खर्च आपका जीवन बदल कर रख सकता है-आगे किसी वैध्य -हकीम-डॉक्टर के पास शायद ही जाना पड़ेगा-


क्या आप जानते है कि हमारा शरीर भी तीन गुणों का बना हुआ है आयुर्वेद में इन्हें वात- कफ और पित्त कहा जाता है जब ये गुण सही मात्रा एवं अनुपात में होते हैं तो हमें रोगों से दूर रखते है और किसी भी कारणवश इनमे से कोई भी कुपित होता है तभी हमें शारीरिक बीमारियों से प्रताड़ित होना पड़ता है-


आयुर्वेद ने भी इन्ही वात-पित्त-कफ को संतुलित रखने के लिए ही हमें त्रिफला का वरदान सुझाया है इसका प्रयोग करके ही आप इनको संतुलित रख सकते है कई लोग मुझसे सवाल करते है मुझे फंला रोग है मेरे बाल सफ़ेद हो रहे है मेरे बाल झड रहे है मुझे नपुंसकता है मेरा वीर्य दोष है मुझे कफ की शिकायत है मेरा ये है मेरा वो है -


भाइयो आज एक बात तो गाँठ की तरह बाँध लो अब तक जो हुआ हो गया है लेकिन आज ही से सोच ले तो रोग आपके परिवार से ऐसे भाग जाएगा जैसे सूर्य उदय के बाद अंधकार मिट जाता है -जादा खर्च का काम नहीं है बस मन में जिस तरह आप सभी व्हाट्सअप या फेसबुक चलाने का उतावला पन रखते है बस जरा सा संकल्प ले के निरोगी काया रखने के लिए आपको त्रिफला को ही अपना अभिन्न मित्र बनाना है आगे के जीवन में बल -पौरुष सौन्दर्य से परिपूर्ण जीवन मिलगा आप  भी खुश और आपकी पत्नी भी खुश -


आइये आज से सोचे और मेरे मशवरे से जीवन में त्रिफला का प्रयोग शुरू करे -जीवन का आनंद -लाभ मिलेगा इस बात की आयुर्वेद गारंटी  लेता है बस आवश्यकता है आपके संकल्प और धैर्य की-


अगली पोस्ट में हम आपको त्रिफला के क्या क्या और लाभ है बताने का प्रयास करेगे-


Upcharऔर प्रयोग-http://www.upcharaurprayog.com


7
रचनाएँ
Upcharaurpryog
0.0
ये वेबसाईट उपचार और सामान्य समस्याओं और ब्यूटी टिप्स, यौन संबंधित समस्याओं और पुरुष और महिलाओं के लिए उनके समाधान के लिए उपयोग के बारे में है तथा घर के उपचार, आयुर्वेद उपचार, हिंदी में आयुर्वेद उपचार होम्योपैथी उपचार पुरुष और महिलाओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और उपचार के बारे में पढ़ सकते हैं-
1

Homeopathy-My talk With you-मेरी बात आपके साथ

10 मई 2016
0
1
1

My talk With you-मेरी बात आपके साथ -लगभग पिछले पैतालीस वर्षो से मै होम्योपैथी चिकित्सा जगत से जुड़ा हुआ हूँ इस बीच मुझे लाखो रोगियों की सेवा करने का सुअवसर मिला है -यद्यपि होम्योपैथी के सिधान्तों के अनुसार प्रत्येक रोगी अपनी एक अलग छाप रखता है तथा उसकी चिकित्सा सामूहिक आधार पर न होकर व्यक्तिगत आधार प

2

Homeopathy-Bed-wetting-बिस्तर गीला करना

11 मई 2016
0
5
0

मेरे मुरार(ग्वालियर) के क्लिनिक पर एक बहुत बुजुर्ग सज्जन उस समय आये जब में सब मरीज निपटाकर घर जाने की तैयारी में था जब मैंने उनसे आने का कारण पूछा तो उनकी आँखों से आँसू झरने लगे वे बोले, सुबह जब नाती पर डाँट पडती है तो मुझे बहुत बुरा लगता है तब मै चौंका और मैंने कहा साफ साफ बताइये बात क्या है वे बोल

3

Upcharaurprayog-Native-Treatment-Hunger-देशी इलाज भूंख लगने का

13 मई 2016
0
4
1

आजकल भूख न लगने की समस्या एक गंभीर रोग की तरह होने लगी है, और लोग भूख बढ़ाने के लिए तरह तरह के Supplements(सप्लीमेंटस) लेने लगते हैं जो शरीर और स्वास्थ दोनों के लिए खतरनाक है पाचन तंत्र में किसी गड़बड़ी के कारण भोजन न पचने को अजीर्ण या अपच(Indigestion or dyspepsia) भी कहते हैं-कई बार समय-असमय भोजन करने

4

Benefits of Amla in your life-आपके जीवन में आंवला के लाभ

13 मई 2016
0
3
0

मनुष्य आज जितना दिनों -दिन nature(प्रकति) से दूर होता जा रहा है उतना ही रोगों से उसका रिश्ता बढ़ गया है आप जरा सोचे पहले लोग क्यों स्वस्थ रहा करते थे उनका life(जीवन) भी उनका सुखमय था मेरा आशय धन से सुखी होना नहीं है शारीरिक सुख से सूखी होना ही मेरा तात्पर्य है क्या आपको इसका कारण समझ आता है ?पहले लोग

5

बरगद पूरा वरदान है जीवन में - Banyan's full blessing in life

25 मई 2016
0
3
2

बरगद पूरा वरदान है जीवन में - Banyan's full blessing in life-प्रकृति का एक वरदान है 'बरगद' ये कभी नष्ट नहीं होता है बरगद का वृक्ष घना एवं फैला हुआ होता है इसकी शाखाओं से जड़ें निकलकर हवा में लटकती हैं तथा बढ़ते हुए जमीन के अंदर घुस जाती हैं एवं स्तंभ बन जाती हैंबरगद को अक्षय वट भी कहा जाता है-बरगद(Ban

6

How To Increase Memory-स्मरण शक्ति कैसे बढायें

17 जून 2016
0
2
0

बहुत से लोगों को भूलने की बिमारी होती है उनकी स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है तो आप को किसी पाठ को रटने की जगह याद करने की आदत डालनी चाहिए जी हाँ सुनने में आपको क्या लगता है क्या हम मजाक कर रहे है - जी नहीं ये सत्य है कि चमत्कारिक रूप से आपके थोड़े से प्रयास से आपकी स्मरण शक्ति ऐसी हो जायेगी कि आप सोच भ

7

नवरात्री का वैज्ञानिक महत्व क्या है

28 मार्च 2017
0
1
0

हमारे देश में साल भर अलग-अलग प्रकार के उत्सव मनाने की हमेशा से एक परम्परा रही है जैसे कि दिवाली, दशहरा, होली, शिवरात्री और नवरात्रि(Navratri)आदि लेकिन इनमे से कुछ उत्सव को हम रात्रि में ही मनाते है-इनका अगर कोई विशेष कारण न होता तो ऐसे उत्सवों को रात्रि न कह कर दिन ही

---

किताब पढ़िए